Police Bazar Shillong भारत राज्य के पूर्वी हिस्से में 7 बहने कहे जाने वाली राज्य में से एक मेघालय , इसे मेघों ( बदलो) का गृह भी कहा जाता है। इस प्रदेश में आपको घूमने को बहुत सी जगह मिलेंगे जिनमे से आप प्रमुख तौर पे चेरापूंजी, मौलिंगनोंग, दावकी, मोसिनराम, मोसमाई cave, डबल डेकर रूट ब्रिज, व सेवेन सिस्टर वॉटर फॉल तथा बहुत सी मनमोहक जगह घूमने को मिलेगा। ❤️❤️❤️ इस प्रदेश की राजधानी शिलांग है जो बेहद खूबसूरत और शांति सन्देश से भरा हुआ है, इस प्रदेश का दूसरा छोर बांग्लादेश को छूता है,जो की दावकी गांव के उम्मोनगोट नदी पर भारत बांग्लादेश के सीमा को बांटती है। एक तरफ जहां यह प्रदेश स्वच्छता का संदेश देता है वही Asia's Cleanet Village मोलिंगनोंग, यह एशिया का सबसे क्लीन गॉव है, यहां आपको प्रकृति की सुंदर ऐसी देखने को मिलेगी मानो साक्षात यहां भगवान का वास हो। Elephant Fall दूसरी ओर यहां के प्रकृति को आपके कल्चर के साथ जोड़े रहता है। उम्मोनगोट नदी ( दावकी ) जी, ये वही नदी है से हम क्रिस्टल क्लियर रिवर कहते है, यहां प्रकृति की खूबसूरती और मानो की उसका दिल यहां ही बसा हो। इस जगह पर आने क...
These Enchanting About Nature Will Have You Dreaming of the Great Outdoors By: Nilesh Rishu Colors are the smiles of nature. 📸 Pic courtesy : Abhijeet Singh N othing compares to nature ‘s beauty as these famous quotes about nature agree. From spring ‘s hopeful new blooms and fall’s exquisite array of colors to winter’s magic and summer’s energy, each season abounds with different types of natural beauty to explore and admire. However, after being totally cooped up during COVID-19 quarantine for so many weeks now, you might be starting to forget what being in nature even feels like— From enchanting nature’s beauty quotes that evoke visions of lush meadows full of brilliantly-colored flowers or dense forests with sky-high trees to famous quotes about nature’s ever-present—and absolutely fundamental—role in our lives, these 101 quotes about nature will have you itching to get off your couch and get outs...
ये फोटू मसूरी की है.. ( वैसे तो मोबाइल पिक है, पर फोटू, फुल फ्रेम में देखिएगा, .. मजा आ जाएगा ) देहरादून से धनौल्टी की ओर जाने वाली इस सड़क पर, जब मसूरी के पीछे वाले हिस्से में पहुँचते हैं, और किस्मत अच्छी एवं जाड़े का खुला आसमान हो, तो ऐसा दृश्य सामने होता है, वरना यहाँ से तकरीबन 250 किलोमीटर दूर फैली हिमालय की इस श्रृंखला और यहाँ के बीच धुंध का एक परदा होता है, साल के 350 दिन। असल में पुरानी मसूरी इसी पार थी, जिसे लैन्डौर के नाम से जानते हैं, जहाँ अभी भी लेखक रस्किन बाँड और स्टीवन आल्टर जैसे लोग बचे हुए हैं। टाम आल्टर भी लैन्डौर में ही रहते थे। ये अंग्रेज साहबों का रिहायशी इलाका था, और वर्तमान मसूरी जो माल रोड के इर्द गिर्द बसी है, वो असल में बाजार था। समझिए, मसूरी की खूबसूरती यहाँ घूमने आनेवाले लोगोंं के हिस्से में शायद ही आ पाती है, क्योंकि असली मसूरी तो पहाड़ के दूसरी ओर है जहाँ देवदार, बाँज और चीड़ के मिश्रित जंगल, गहरी बहती पानी की धाराएँ, अभी भी थोडे बहुत जंगली जीव जै...
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